आज का यह पोस्ट ग्रुप डिस्कशन के बारे में है, इसमें हम बात करेंगे ग्रुप डिस्कशन क्या होता है, What is Group discussion in Hindi तथा ग्रुप डिस्कशन करने का सही तरीका क्या है? फैमिली हो या दोस्तों के बीच अक्सर हमें बातचीत करने में बड़ा आनंद आता है, हम घंटों बैठ कर विभिन्न विषयों पर खुलकर उनसे बातचीत करते हैं, उनके बीच अपना पक्ष रखने की कोशिश करते हैं, और यही बातचीत Group Discussion केहलाती है।
लेकिन यदि बात करें एक औपचारिक ग्रुप डिस्कशन की तो वह दोस्तों या पारिवारि के बीच होने वाली डिस्कशन यानि बातचीत से काफी अलग होती है, जिसमे आप किसी एक विषय पर तैय समय के लिए अपना viewpoint रखते हैं, तथा अपने सहकर्मियों और अपने से वरिष्ट के साथ अपने ideas शेयर करते हैं, यानि ग्रुप डिस्कशन का एक विषय होता है, जिस पर आपको बोलना होता है।
तो चलिए अब विस्तार से समझते हैं, की Group discussion यानि सामूहिक चर्चा क्या होती है, और इसका क्या महत्व है।
ग्रुप डिस्कशन क्या होता है | Group discussion in Hindi
सामूहिक चर्चा (Group discussion) आज के समय में प्रत्येक कंपनी की interview प्रक्रिया का एक अहम् हिस्सा बन गया है, इसे शार्ट में GD कहा जाता है। ग्रुप डिस्कशन में उम्मीदवारों के बीच एक विषय रख दिया जाता है, जिसके पक्ष और विपक्ष में उम्मीदवारों को बाँटकर उन्हें अपना दृष्टिकोण रखने को कहा जाता है। इस दौरान चयनकर्ता उम्मीदवारों के व्यक्तित्व, उनके कॉन्फिडेंस, विषय की समझ, टीमवर्क, कम्युनिकेशन, लीडरशिप तथा लॉजिक इत्यादि को परखते हैं, ताकि कंपनी के लिए बेहतरीन कैंडिडेट्स को चुना जा सके।
यदि इंटरव्यू के अलावा ग्रुप डिस्कशन की बात करें तो ग्रुप डिस्कशन का एक स्ट्रक्चर्ड फॉर्मेट होता है, जहाँ पर पार्टिसिपेंट्स किसी एक टॉपिक पर बात करते हैं, अपनी राय, अपना दृष्टिकोण एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं। ग्रुप डिस्कशन का लक्ष्य होता है, की प्रत्येक पार्टिसिपेंट को अपनी बात रखने का मौका मिले, ताकि उस विषय से जुड़े एक दूसरे के विचारों को सभी को जानने का मौका मिले, और अंत में किसी निर्णय पर पहुँचा जा सके।
ग्रुप डिस्कशन का आम उदाहरण आप किसी भी कंपनी में सीनियर पदों पर बैठे कर्मचारियों की होने वाली मासिक बातचीत से ले सकते हैं, जहाँ पर महीने में एक दिन या आवश्यकता पड़ने पर किसी भी दिन, सभी एक मंच पर आकर discuss करते हैं, ताकि निर्णय लिए जा सकें।
ग्रुप डिस्कशन (Group discussion) क्यों किया जाता है
ग्रुप डिस्कशन को करने के कई उद्देश्य होते हैं, जिनमे से कुछ मुख्य नीचे दिए गए हैं।
इंटरव्यू प्रक्रिया में :- इंटरव्यू के दौरान कैंडिडेट के कॉन्फिंडेंस, लॉजिक, कम्युनिकेशन, इंटेलिजेंस तथा टीमवर्क क्षमता को परखने के लिए (GD) रखा जाता है, ताकि बेहतरीन कैंडिडेट्स को चुना जा सके।
लर्निंग के लिए :- विभिन्न लोग या ग्रुप अपनी लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए ग्रुप डिस्कशन का सहारा लेते हैं, जहाँ पर वे एक दूसरे से अपनी राय साझा करते हैं, दूसरे का पक्ष और राय सुनते हैं, अपने ideas शेयर करते हैं, दूसरे के ideas लेते हैं, और कुछ इस प्रकार अपने ज्ञान और लर्निंग को इम्प्रूव करते हैं।
निर्णय लेने के लिए :- ग्रुप डिस्कशन का उपयोग निर्णय लेने (Decision making) के लिए भी किया जाता है, जहाँ पर एक ग्रुप के सदस्य अपने विचार और सुझाव रखते हैं, ताकि सभी के समक्ष उन सुझावों को रख कर सर्वसम्मत्ति के साथ Decision लिया जा सके।
समस्या के निदान के लिए :- जब किसी समस्या का समाधान ढूढ़ना हो, तो ऐसी स्थति में भी ग्रुप डिस्कशन का सहारा लिया जाता है, जहाँ पर सबको अपने ideas शेयर करने को कहा जाता है।
टीम बिडलिंग के लिए :- टीम बिल्डिंग के लिए पार्टिसिपेंट्स के बीच आपसी सामंजस्य होना बहुत जरुरी है, और इसके लिए भी ग्रुप डिस्कशन का सहारा लिया जाता है।
ग्रुप डिस्कशन (Group discussion) करने का सही तरीका क्या है
ग्रुप डिस्कशन का हिस्सा हैं, तो इन तरीकों को अपनाएं।
ध्यान से सुने :- सही बोलने के लिए सुनना बहुत जरुरी है, इसलिए ग्रुप डिस्कशन के दौरान दूसरों को ध्यान पूर्वक सुने, उनके विचारों को समझने की कोशिश करें, और ध्यान भटकाने से बचें।
हिस्सा लें :- सुनने के साथ-साथ बोलना भी उतना ही महत्पूर्ण है, तो दूसरों की बात सुनने के बाद नर्मी के साथ सवाल-जवाब करें, उनके विचारों को चुनौती दें, और अपने विचारों को तथ्यों और उदाहरण द्वारा सही तरीके से बल दें।
खुलें विचार रखें :- बिना पक्षपात और पूर्वाग्रही धारणाओं के दूसरों के दृष्टिकोण और नए विचारों का भी स्वागत करें।
सम्मान दें :- कम्युनिकेशन के दौरान दूसरों का सम्मान करें, उनकी बातों और विचारों को सुने, दूसरों को भी बोलने दें, बातचीत के बीच टोकने से बचें तथा अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें।
विषय से ना भटकें :- प्रत्येक GD का एक विषय होता है, इसलिए डिस्कशन के दौरान इधर-उधर की बात करके विषय से ना भटकें।
अपने समय पर ही बोलें :- ग्रुप डिस्कशन का एक तैय समय होता है, जिसमे सभी के लिए समय निर्धारित होता है, इसलिए टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान रखें और अपनी बारी आने पर ही बोलें और उचित बोलें।
निष्कर्ष
दोस्तों आपने पढ़ा ग्रुप डिस्कशन क्या होता है, और कैसे किया जाता है, (Group discussion tips in hindi) हमें उम्मीद है, दी गई यह जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी। यदि जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे दूसरों को भी शेयर करें धन्यवाद।
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