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(MDM) Mid day meal programme in Hindi | मिड डे मील प्रोग्राम क्या है

नमस्कार दोस्तों आज का यह पोस्ट मिड डे मील प्रोग्राम के बारे में हैं। इसमें आप जानेंगे मिड डे मील प्रोग्राम क्या है, Mid day meal programme in Hindi, मिड डे मील प्रोग्राम का क्या उद्देश्य है, थता इसके फायदे। मिड डे मील प्रोग्राम को छोटे शब्दों में MDM भी कहा जाता है। चलिए हम विस्तार से मिड डे मील के बारे में समझते हैं। 

किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी होती है, यदि देश का युवा पोषित होगा, स्वस्थ होगा, पढ़ा-लिखा होगा तो ना सिर्फ देश के युवा का भविष्य बल्कि उस देश का भविष्य भी उज्जवल होगा। 

यदि हमारे देश भारत की बात की जाए तो सन 2021 में यहाँ की जनसँख्या लगभग 139 करोड़ तक हो चुकी है। जिस प्रकार काफी लंबे समय तक भारत देश बाहरी घुसपैठियों का गुलाम रहा है, जो यहाँ से सब लूट कर ले गए और लोगों को उठने-बढ़ने तक का मौका नहीं दिया।

उसका असर यह हुवा है, की आज भी देश का एक बहुत बड़ा वर्ग गरीबी रेखा से निचे अपना जीवन व्यापन करता है। ऐसे में वह गरीब तबका जिसे अपने जीवन व्यापन के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है, उसके लिए अपने बच्चों के भोजन व शिक्षा का प्रबंध करना असंभव है।

तो देश के भविष्य यानि बच्चों को पर्याप्त पोषण देने थता उन्हें शिक्षित करने और शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए ही केंद्र सरकार द्वारा (MDM) Mid day meal programme की शुरुवात की गई थी, तो चलिए MDM के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मिड डे मील प्रोग्राम क्या है | Mid day meal programme in Hindi

मिड डे मील प्रोग्राम भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक प्रोग्राम है, जिसमे देश के सभी प्राथमिक सरकारी विध्यालयों थता लोकल बॉडी विध्यालयों में छोटे बच्चों के लिए दिन के भोजन की व्यव्यस्था की जाती है।

सरकार द्वारा मिड डे मील प्रोग्राम को शुरू करने का खास उद्देश्य सरकारी विध्यालयों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों को पोषण युक्त पकाया गया दिन का भोजन प्रदान करना थता बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उनके माता पिता को प्रेरित करना था। इससे पाया गया की स्कूल में बच्चों की उपस्थिति थता नामांकन दोनों बढे हैं। 

MDM programme के तहत मिलने वाले भोजन में खास तोर पर उन सभी पोषक तत्वों का ध्यान रखा जाता है, जिससे गरीब तबके से आने वाले छोटे बच्चे जिन्हे पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है, उन्हें पोषण मिले और उनका भी एक आम बच्चे की तरह ही शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। एक आकड़ें अनुसार हर School day के दिन, लगभग 11.8 करोड़ बच्चों को पोषक तत्वों से युक्त (MDM) भोजन दिया जाता है। 

देश में मिड डे मील योजना की शुरुवात 15 अगस्त 1995 को (NP-NSPE) National programme of nutritional support to primary education के तहत की गई थी, जिसका नाम सन 2007 में बदलकर National programme of Mid day meal कर दिया गया जिसे शार्ट में MDM या Mid day meal programme भी कहा जाता है। 

हाल ही में कोविड राहत के रूप में भारत सरकार ने MDM programme के तहत आने वाले सभी बच्चों के बैंक खातों में सीधे तोर पर एक तैय राशि ट्रांसफर की है। इन पैसों को ट्रांसफर करने का खास कारण कोरोना महामारी थी, जिससे सभी स्कूल बंद थे और बच्चे MDM योजना के तहत मिलने वाले पोषण युक्त भोजन से वंचित रहे। 

मिड डे मील प्रोग्राम का उद्देश्य

MDM योजना की शुरुवात करने के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं। 

  • इसका एक मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्ग से आने वाले बच्चों को स्कूलों की तरफ आकर्षित करना, ताकि अधिक से अधिक बच्चे स्कूल में एडमिशन लें और बच्चों की उपस्थिति में भी वृद्धि हो सके। 

  • बच्चों को पोषण युक्त भोजन दिया जा सके, ताकि सामान्य रूप से उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। हमारे देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहाँ सूखा पढता है, थता परिवार दो वक़्त के भोजन के लिए संघर्ष करता है, ऐसे में छोटे बच्चे जिन्हे पोषण युक्त भोजन की अधिक आवश्यकता होती है, उन्हें वे सब पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, ऐसे में MDM द्वारा बच्चों को पोषण युक्त भोजन दिया जाता है। 

  • सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि करना। 

  • बच्चों को कक्षा 1 से VIII तक भोजन दिया जाता है, ताकि वे कम से कम भोजन के बहाने स्कूल में बने रहें और पढाई जारी रखें।  

  • देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है, जो आज भी अपनी लड़कियों को स्कूल नहीं भेजना चाहता है, तो ऐसे में MDM योजना द्वार स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि करना है। 

Mid day meal programme benefits in Hindi

मिड डे मील योजना के ढेरों लाभ हैं, जिनमे से कुछ मुख्य निचे बताए गए हैं। 

  • MDM योजना का एक बहुत बड़ा लाभ यह है, की इस से देश का बच्चा-बच्चा साक्षर हो रहा है। क्योंकि माता-पिता जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते थे, या केह लीजिये बच्चों को स्कूल भेजने का उनका कोई विचार नहीं था, वे भी एक समय के भोजन के लिए ही सही, बच्चों को स्कूल भेजने लगे हैं। जिसका एक बहुत बड़ा लाभ यह हुवा है, की देश का बच्चा-बच्चा कम से कम स्कूल जाकर कुछ सिख रहा है। 

  • इस योजना के तहत दिए जाने वाले भोजन में खास तोर पर उन पोषक तत्वों का ध्यान दिया जाता है, जो छोटे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में अहम् भूमिका निभाते हैं। 

  • बच्चों को mid day meal menu के अनुसार भोजन दिया जाता है, यानि भोजन में बदलाव होता रहता है, जिससे ना सिर्फ बच्चों को अलग-अलग प्रकार का खाना खाने को मिल जाता है, बल्कि पोषक तत्वों में भी परिवर्तन होता रहता है।

  • MDM programme के चलते गरीब थता वंचित वर्ग के लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे हैं, जिससे बालमजदूरी पर भी लगाम लगी है। 

  • इस प्रोग्राम से देश भर में लाखों महिलाओं को रोजगार मिला है, जो भोजन माता के रूप में बच्चों के लिए खाना बनाती हैं। इस से उन बेरोजगार महिलाओं का भी घर चलता है, और उन्हें आर्थिक सहायता मिल जाती है।  

निष्कर्ष

(MDM) मिड डे मील योजना एक बहुत ही अच्छी और प्रभावी योजना है, जिसमें देश भर के करोड़ों बच्चों को ना सिर्फ भोजन दिया जा रहा है, बल्कि इस योजना के जरिये वे शिक्षित भी हो रहे हैं।

हालाँकि अभी भी मिड डे मील योजना में भ्रस्टाचार की खबरे आय दिन आती रहती हैं, जहाँ पर सिस्टम में बैठे भ्रष्ट लोगों द्वारा खाद्य सामग्री की गुणवत्ता से समझौता किया जाता है, जो की जल्द से जल्द रुकना चाहिए, ताकि बच्चों के स्वास्थ से किसी प्रकार का खिलवाड़ ना हो सके।

दोस्तों आपने जाना मिड डे मील प्रोग्राम क्या है, Mid day meal programme in Hindi, हमें उम्मीद है, यह जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी। यदि जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे दूसरों को भी शेयर करें। 

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