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Relationship manager kya hai

Relationship manager kya hota hai | रिलेशनशिप मैनेजर कैसे बने, कार्य और करियर

हमारी आज की इस पोस्ट में आप जानेंगे रिलेशनशिप मैनेजर के बारे में, Relationship manager kya hota hai, इसके क्या कार्य होते हैं, रिलेशनशिप मैनेजर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए, तथा इसके लिए प्रमुख शिक्षण संस्थान कौन से हैं। 

बैंक हों, या कोई प्रोफेशनल संस्थान सभी के लिए अपने ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध बनाना ना सिर्फ जरुरी है, बल्कि आज की जरुरत भी है, क्योंकि इस बढ़ते कॉम्पिटिशन के दौर में कोई भी बिज़नेस तभी स्थिर हो सकता है, जब उनका customer base मजबूत हो, और कस्टमर यानि ग्राहक को बिज़नेस के साथ जोड़े रखने के लिए ना सिर्फ उच्च स्तर की सर्विसेज प्रदान करना जरुरी है, बल्कि ग्राहक के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, और इस कार्य को रिलेशनशिप मैनेजर बखूबी निभाते हैं।

तो चलिए विस्तार में जानते हैं, Relationship manager kya hota hai और किसी संसथान की उन्नति में रिलेशनशिप मैनेजर की क्या भूमिका होती है।  

Relationship manager kya hota hai

बैंक से वित्तीय संस्थानों तक रिलेशनशिप मैनेजर की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी कि एक फाइनेंस एक्सपोर्ट की। यह ग्राहकों से बेहतर संबंध बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बैंकों और वित्तीय संस्थानों में शीघ्रता से परिवर्तन होते जा रहे हैं, और रिलेशनशिप मैनेजर इस परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वह कंपनी या बैंक की टीम का एक हिस्सा होता है, और इन सभी वित्तीय संस्थानों में एक सलाहकार की भूमिका भी निभाता है। रिलेशनशिप मैनेजर ग्राहकों के साथ कंपनी या बैंक के संबंधों को बनाए रखता है, साथ ही वह ग्राहकों की समस्याओं को हल करने का कार्य भी करता है।

रिलेशनशिप मैनेजर कंपनी और उसके पार्टनर या बैंक और ग्राहक के बीच विश्वास पूर्ण संबंध के लिए जिम्मेदार होता है, ताकि उनकी उन सभी प्रकार की समस्याओं या मुद्दों को हल किया जा सके जो की कानूनी रूप से उचित हैं।

संक्षिप्त विवरण

रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में कैरियर को चुनने के लिए आपका एक अच्छा श्रोता और एक अच्छा वक्ता होना जरूरी है, जिससे कि आप ग्राहकों और ग्राहकों के माइंड में लंबे समय के लिए अपनी जगह बना सकें। उनको अपनी कंपनी या बैंक के प्रति विश्वास दिला सकें कि जहाँ वे निवेश कर रहे हैं, या जो सर्विसेज ले रहे हैं, वह उनके लिए फायदेमंद और एक सुरक्षित स्थान है।

रिलेशनशिप मैनेजर कौन बन सकता है- पुरुष या महिला

अगर आप रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो आप बिना किसी जेंडर की परवाह किये इसे अपने कैरियर के रूप में चुन सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर नहीं करता है, की आप एक पुरुष हैं, या महिला बल्कि जरुरी यह है, की आप लोगों के साथ किस प्रकार कम्यूनिकेट करते हैं, या कैसे आप लोगों के बीच खुद को प्रस्तुत कर उनका भरोसा जीत सकते हैं, और यही एक  रिलेशनशिप मैनेजर की सबसे बड़ी खूबी होती है।  

रिलेशनशिप मैनेजर की क्या भूमिका होती है?

बैंक के ग्राहकों या कंपनी के पार्टनर के साथ बातचीत करना एक रिलेशनशिप मैनेजर के कार्य का महत्वपूर्ण भाग होता है। लेनदेन और व्यापार के कार्यों में रिलेशनशिप मैनेजर सीईओ और सीएफओ जैसे मुख्य अधिकारियों को रिपोर्ट देते हैं। एक रिलेशनशिप मैनेजर का काम ग्राहकों से संपर्क के साथ ही साथ कंपनी डेटा को भी देखना होता है, जो सामाजिक नेटवर्क को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होता है, और यह कंपनियों और ग्राहकों के बीच के रिलेशनशिप को भी मजबूत बनाता है।

रिलेशनशिप मैनेजर ठोस योजनाएं बनाने और उन्हें पूर्ण रुप से लागू करने के लिए जिम्मेदार होता है। वह कंपनी के प्रोडक्ट को समय पर भेजना सुनिश्चित करता है, और ग्राहकों के साथ विश्वास पूर्ण संबंध बनाए रखता है, वह ना सिर्फ अपने ग्राहकों के साथ बल्कि कंपनी पार्टनर्स के साथ भी एक उत्साह पूर्ण व प्रभावी वार्तालाप करने में शामिल होता है।   

रिलेशनशिप मैनेजर के कार्य

एक रिलेशनशिप मैनेजर का मुख्य कार्य कंपनी के भीतर तथा बाहर क्लाइंट्स के साथ, यानि दोनों जगह लोगों के साथ मजबूत रिलेशनशिप डेवलप करना है। यदि बैंक में इनके कार्य की बात की जाए तो, बचत खातों एवं लोन की फाइल्स की जाँच तथा इन फाइल्स को आगे भेजना, भारतीय जांच ब्यूरो लिमिटेड (CIBIL) की रेटिंग को जांचना, क्रेडिट टीम की फाइलों की प्रोग्रेस को जांचना, बैठक के लिए तैयार फाइल्स की जांच करना तथा डीएएस और डीएसटी से रिपोर्ट लेना इनके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं।

बैंक एवं फाइनेंस से जुड़े व्यक्तियों का मानना है कि कई बार पूर्ण योग्य होने के बाद भी इससे संबंधित व्यक्ति अपने मुकाम तक नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए अगर इस क्षेत्र की कुछ विशेष बातों का प्रशिक्षण लिया जाए और खुद को पूर्ण रूप से तैयार किया जाए तो निश्चित ही आपको एक रिलेशनशिप मैनेजर के तोर पर सफलता प्राप्त होगी।

रिलेशनशिप मैनेजर के प्रकार

1- बिजनेस रिलेशनशिप मैनेजर  
2- कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर

बिजनेस रिलेशनशिप मैनेजर
बिजनेस रिलेशनशिप मैनेजर का महत्वपूर्ण कार्य कंपनियों के बीच एक पॉजिटिव और हेल्दी रिलेशन बनाए रखना होता है। बिजनेस रिलेशनशिप मैनेजर उन टीमों को देखता है, जो फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट और बजट की जांच करती हैं। इसके अलावा यह कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी देते हैं, जो संसाधनों के सुचारू उपयोग को स्पष्ट करती हैं। एक बिजनेस रिलेशनशिप मैनेजर का कार्य संवाद करने, व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने और जब भी आवश्यकता पड़े तो भिन्न-भिन्न प्रस्तावों पर बातचीत करने का है।

कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर
कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर का कार्य ग्राहक एवं कंपनी दोनों के पक्ष में कार्य करना है। कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर सीधे ग्राहकों के साथ कार्य करता है, और उनकी समस्याओं को हल करता है। वह नए आयामों का अध्ययन कर बिक्री के नए रास्ते खोजता है। इतना ही नहीं वह उचित प्रशिक्षण एवं ग्राहकों को उचित लाभ प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करता है।

रिलेशनशिप मैनेजर बनने के लिए योग्यता

रिलेशनशिप मैनेजर बनने के लिए अच्छी शिक्षा के साथ ही साथ कुछ विशेष योग्यताएं भी होनी चाहिए। इनमें कुछ महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से आपको वार्तालाप और प्रेजेंटेशन का अच्छा खासा ज्ञान होना चाहिए, और अपने प्रोडक्ट, या सर्विस की समझ, अच्छी नेटवर्किंग नॉलेज के साथ कैलकुलेशन एबिलिटी इत्यादि भी जरूरी हैं।

ऐसे स्टूडेंट्स जिनके पास बीबीए तथा एमबीए की डिग्री है, वे खासतौर पर इस पद के लिए योग्य समझे जाते हैं। इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम का ज्ञान होना भी जरूरी है। इस पद पर विद्यमान व्यक्ति को तुरंत निर्णय लेने का साहस होना चाहिए तथा ग्राहक के किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब देने में अग्रणी होना चाहिए, जिससे की ग्राहक संतुष्ट रहें और एक अच्छे रिलेशन बनाए रखने में मदद मिले। 

रिलेशनशिप मैनेजर संबंधित कोर्स

ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने किसी भी संस्थान से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है, वह विद्यार्थी रिलेशनशिप मैनेजर के पद के लिए योग्य माने जाते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए विद्यार्थी का 12th क्लास मे मैथ्स एवं कॉमर्स स्टीम का होना जरूरी समझता जाता है।

इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है, कि रिलेशनशिप मैनेजर पद में यदि अवसर की बात की जाए तो सरकारी या निजी बैंक और वित्तीय संस्थानों में केपीओ और बीपीओ में जॉब के मौके मिल सकते हैं।

यदि बैंकिंग एवं फाइनेंस से संबंधित कोर्स की बात करें तो बीबीए इन बैंकिंग फाइनेंस, बीकॉम इन बैंकिंग फाइनेंस, पीजी डिप्लोमा इन एडवांस फाइनेंशियल प्लैनिंग एंड वेल्थ मैनेजमेंट आदि कोर्स इस प्रोफेशन के लिए उपयुक्त समझे जाते हैं। इसके लिए महत्वपूर्ण रूप से ग्रेजुएशन लेवल पर बीबीए एवं पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर एमबीए डिग्री होना अनिवार्य है।

कुछ बैंक तो एमबीए फ्रेशर्स को सीधे ही रिलेशनशिप मैनेजर के पद के लिए नियुक्त कर लेते हैं, तो वहीं कुछ बैंक एमबीए डिग्री के साथ ही साथ अनुभव प्राप्त व्यक्ति को ही इस पद के लिए नियुक्त करते हैं।

रिलेशनशिप मैनेजर का वेतन

एक रिलेशनशिप मैनेजर का वेतन 25 से ₹30 हजार रुपए प्रतिमाह सुनिश्चित होता है, लेकिन दूसरे किसी फील्ड की तरह ही इसमें भी अनुभव बढ़ने के साथ-साथ वेतन में बढ़ोतरी होती रहती है।

मुख्य शिक्षण संस्थान

1- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट ( IIM ) अहमदाबाद, कोलकाता
2- मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ( गुड़गांव )
3- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग एंड फाइनेंस ( IIBF )मुंबई
4- इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ( गाजियाबाद )
5- टीकेडब्ल्यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (नई दिल्ली )
6- मणिपाल यूनिवर्सिटी ( कर्नाटक )
7- सिंबोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ( मुंबई, महाराष्ट्र )

यह कुछ प्रमुख बैंकिंग एंड फाइनेंस एजुकेशन संस्थान है, जहां से आप बैंकिंग एंड फाइनेंस में ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन और एमबीए की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। 

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों आपने पढ़ा Relationship manager kya hota hai, इसका जॉब प्रोफाइल, कार्य, प्रकार, और साथ ही साथ यह भी जाना की एक रिलेशनशिप मैनेजर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए। हमें उम्मीद है, यह विस्तृत जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी, यदि इस पोस्ट से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, तो आप नीचे कमेंट द्वारा हमसे पूछ सकते हैं। आपको यह जानकारी यदि अच्छी लगी है, तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों से भी शेयर करें, धन्यवाद। 

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