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SEBI क्या होता है और SEBI का क्या कार्य है, पूरी जानकारी

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे सेबी क्या होता है, SEBI का क्या कार्य है, थता इसका गठन कब और क्यों किया गया था। यदि आप स्टॉक मार्किट, mutual fund या IPO में थोड़ा बहुत भी दिलचस्पी रखते हैं, और इनके बारे में पढ़ते हैं, या सुनते हैं तो आपने SEBI शब्द जरुर सुना होगा।

SEBI का full form क्या है

SEBI का full form होता है (Securities and exchange board of India), जिस प्रकार RBI (Reserve bank of India) भारतीय बैंकों को मॉनिटर करता है, उसी प्रकार SEBI भारतीय पूंजी व्यापार (Capital market) थता शेयर बाजार (Stock market) को मॉनिटर व regulate करता है, और विभिन्न नियमों के द्वारा निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। तो चलिए SEBI के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

SEBI क्या है ?

(SEBI) अर्थात भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (Securities and exchange board of India) भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई एक वैधानिक निकाय (Statutory body) है। इसका कार्य भारतीय पूंजी बाजार थता शेयर बाजार को Regulate करना, निवेशकों के हितों की रक्षा करना, और साथ ही विभिन्न नियमों और विनियमों को लागु कर बाजार को विकसित करना है।  

सेबी की स्थापना भारतीय शेयर बाजार को regulate करने, उसमें भ्रस्टाचार मिटाने, मनमानी और नियमों के उल्लंघन को रोकने के मकसद से की गई थी, ताकि बाजार में लोगों का भरोसा बना रहे।

SEBI की स्थापना कब हुई थी

सेबी को सबसे पहले भारत सरकार द्वारा April 1982 को स्थापित किया गया था, तब यह एक गैर-वैधानिक निकाय (non-Statutory body) थी, यानि इसे वैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं थे।

बाद में 12 अप्रैल सन 1992 को भारतीय संसद में Sebi act 1992 के पारित हो जाने के बाद 1992 में SEBI को autonomous body घोसित कर वैधानिक अधिकार दे दिए गए। आज SEBI शेयर बाजार पर नियंत्रण तो रखता ही है, और साथ ही ट्रेडिंग में शामिल सभी पार्टीज के हितों की रक्षा भी करता है।

शेयर बाजार में SEBI की भूमिका

शेयर बाजार में SEBI की भूमिका का एक उदाहरण आप IPO से ही ले लीजिये जहाँ यदि कोई कंपनी बाजार में अपना आईपीओ लाना चाहती है, तो इसके लिए पहले उसे SEBI से approval लेना पड़ता है।

Approval लेने के लिए कंपनी अपना (RHP) Red Herring Prospectus सेबी में जमा करती है, इसमें कंपनी का सारा ब्यौरा मौजूद होता है, जिसे सेबी द्वारा चेक किया जाता है, और सब सही पाए जाने पर ही कंपनी को आईपीओ लाने के लिए approve किया जाता है।

SEBI का क्या काम है

सेबी एक स्वायत्त निकाय (Autonomous body) है, जिसे वैधानिक शक्तियाँ प्राप्त हैं। इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं। 

:- भारतीय पूंजी बाजार की गतिविधियों पर नियंत्रण रखना।

:- निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुवे उन्हें उनके Investment की सुरक्षा का भरोसा देना। 

:- बाजार को विकसित करना।

:- कपटपूर्ण गतिविधियों पर लगाम लगाना।

:- Stockbrokers, sub-brokers, agents, bankers इत्यादि को कार्य करने के लिए मंच प्रदान करना और नियंत्रण रखना। 

:- स्टॉक की ट्रेडिंग का विश्लेषण करना और पूंजी बाजार को धोखाधड़ी से बचाना।

:- अनुसंधान और रणनीतिओं तैयार कर बाजार को हमेशा up to date रखना।

:- सेबी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाना।

:- निरिक्षण और ऑडिट करना।

:- निवेशक को बाजार के बारे में educate करना। 

SEBI की संगठनात्मक संरचना

सेबी का अपना एक कॉर्पोरेट ढांचा है, जिसमे पांच विभाग शामिल हैं, और प्रत्येक विभाग का अपना एक कार्यकारी निदेशक (Executive director) होता है। साथ ही इसमें 2 सलाहकार समितियां भी मौजूद होती हैं, जो प्राइमरी मार्किट और सेकेंडरी मार्किट  का Analysis करती हैं, और फिर उसी अनुसार सेबी को अपना सुझाव देती हैं। 

इसके बोर्ड में निम्नलिखित बताए गए 9 सदस्य शामिल रहते हैं। 

:- भारत सरकार द्वारा नियुक्त एक चेयरमैन। 
:- केंद्रीय वित्त मंत्रालय के 2 सदस्य। 
:- भारतीय रिज़र्व बैंक का 1 सदस्य। 
:- भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए 5 सदस्य। 

दोस्तों आपने पढ़ा SEBI क्या है, SEBI का क्या कार्य है, थता इसकी संगठनात्मक संरचना कैसी है। हमें उम्मीद है, दी गई जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी। यदि जानकारी आपको अच्छी लगी है, तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करें। 

 

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